सामान्य नियम एवं अनुशासन

  • प्रधानाचार्य स्वविवेक से भिन्न कारण बताये किसी भी छात्र को प्रवेश देने से मना कर सकते हैं ।
  • अभिभावक को अपने पाल्य से पढ़ाई के समय सीधे कक्षाओं में नहीं मिलना चाहिए वरन् इस कार्य के लिए सीधे प्रधानाचार्य से सम्पर्क स्थापित करना चाहिए।
  • विद्यालय भवन , पंखे , फर्नीचर अन्य किसी भी साज - सा अथवा सामान को हानि पहुंचाने की विद्यार्थी पर न केवल व्यक्तिगत अथवा सामूहिक जुर्माना किया जा सकता है व विद्यालय से निष्कासित भी किया जा सकता है।
  • विद्यालय के नियमों का उल्लंघन , अनुशासन भंग करने आपत्तिजनक आचरण करने वाले विद्यार्थियों के स्थानान्तरण प्रमाण पत्र में प्रतिकूल प्रविष्टि की जा सकती है।
  • परीक्षा में अनुचित साधन प्रयोग करने वाले विद्यार्थियों को उस प्रश्न पत्र में शून्य अंक दिया जायेगा। अगले सत्र में प्रवेश देने के लिए मना किया जा सकता है, अथवा उनके टी. सी. में प्रतिकूल प्रविष्टि की जा सकती है।
  • विद्यालय में देर से आने वाले समय पर भी प्रार्थना में जानबूझकर सम्मिलित न होने वाले अथवा पढ़ाई के पष्टों को प्रधानाचार्य अथवा अध्यापकों की अनुमति के बिना छोड़कर भाग जाने वाले विद्यार्थियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायगी।
  • परीक्षा में अधिकतम अंक तथा पाठ्येत्तर क्रियाकलापों में विशिष्ट स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को केवल प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे वरन् अन्य प्रकार के पारितोषिक वितरण करके भी उनको प्रोत्साहित किया जायेगा।
  • छात्रों को विद्यालय में समय - समय पर लागू किये गये नियमों को पालन करना अनिवार्य होगा ।
  • विद्यालय के शिक्षण कार्य के समय तथा परीक्षा काल में यदि विद्यालय का नियमित छात्र किसी अन्य विद्यालय के छात्र अथवा बाहरी व्यक्ति को विद्यालय परिसर में लेकर आता है तो उसके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
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